Monday, July 27, 2015

सकल पदारथ हैं जग माहीं


मित्रो !

      ईश्वर ने हमारे लिए इस जगत और जगत में विभिन्न प्रकार के संसाधनों तथा कर्मों की रचना की है। उसने संसाधनों के उपयोग के लिए ज्ञान की रचना की है। कर्मों के चयन और कर्म करने की हमें स्वतंत्रता दी है। हम में से जो कर्मठ है वह ज्ञान अर्जित कर संसाधनों के सदुपयोग से सुख पा रहा है, जो अज्ञानी है वह कर्महीन रहकर या संसाधनों का दुरुपयोग कर दुःख भोग रहा है। 

     गोस्वामी तुलसीदास जी ने उचित ही रचना की है "सकल पदारथ हैं जग माहीं, कर्महीन नर पावत नाहीं। हमें चाहिए कि हम ईश्वर का दिया हुआ ज्ञान अर्जित करें, उचित कर्मों का चयन करें और ईश्वर प्रदत्त संसाधनों का सही प्रयोग कर उचित कर्म करते हुए सुखमय जीवन जियें, हमें जगत में लाने के लिए और इतना सब कुछ देनें के लिए उस परम पिता का गुण गान कर उसका धन्यवाद करें।



3 comments:

Unknown said...

Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram OM NAMEH SHIVAY

Unknown said...

Yes ramayan m kis kaand m Doha bola gya tha

Ritesh Kumar said...

Nishad raj se Ram ji ki vaartalaap me kaha gaya