Saturday, October 24, 2015

सीसीटीवी की निगरानी में

मित्रो ! 
        वैश्वीकरण के दौर में कम से कम बड़े देशों के बारे में यह सोचना गलत होगा कि उनमें से प्रत्येक देश एक दूसरे के यहाँ हो रही राजनैतिक उठा-पटक, अमानवीय घटनाओं और ऐसे अन्य परिवर्तनों जिनमें उनकी रूचि हो सकती है पर नज़र नहीं रख रहे हैं।
        मेरा मानना है कि किसी देश को यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि वह दूसरे देश को जो कुछ दिखाए या बताएगा उतना ही वह देश देखेगा और बिना जाँचे परखे उस पर विश्वास कर लेगा।



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