मित्रो !
हमारी दण्ड प्रक्रिया में कहीं तो कमी है जिसका लाभ उठाकर समाज में कुछ लोग भय का माहौल बनाकर अत्याचार और दुराचार करते रहते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कोई भी व्यक्ति पुलिस और न्यायालय में जाने का साहस नहीं करता और अगर कोई साहस करता भी है तब गवाही के अभाव में ऐसे लोग बाइज्जत बरी हो जाते हैं।
ऐसे लोग समाज में अराजकता फैलाते हैं, गरीबों का हक़ मारते हैं, उनके गुर्गे जनता का शोषण करते हैं। दूसरों की संपत्ति पर अवैध कब्जे करते हैं। अवैध कारोबार चलाते या चलवाते हैं। जनता से अवैध उगाही करते हैं।
अनेक मामलों में ऐसे लोग लोक सभा और विधान सभाओं के चुनाव लड़कर जन प्रतिनिधि बन जाते हैं, अनेक राजनीतिक दल अपनी पार्टी में शामिल कर उन्हें टिकिट देकर लोक सभा या राज्य सभा में पहुंचने में मदद करते हैं। मजे की बात यह है कि विधायक या सांसद बन जाने के बाद वे पेंसन पाने के भी अधिकारी हो जाते हैं।
ऐसे लोगों से जनता को छुटकारा दिलाने के लिए अब तक किसी कारगर व्यवस्था व्यवस्था का न हो पाना चिंता का विषय है।
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