मित्रो
!
एक पुत्र अपने पिता
के पद चिन्हों पर चल कर पिता का प्रिय पुत्र बन जाता है और अन्य संतानों की
अपेक्षा वह अपने पिता से अधिक प्यार पाता है। ईश्वर हम सब का पिता है, वह सबसे प्यार करता है और वह सभी पर दया करता है।
यदि हम भी सभी से प्यार करें और सब पर दया करें तब हम ईश्वर के प्रिय पुत्र बन
जांयेंगे।
When a son walks in footsteps of father, he
becomes beloved son of his father and receives more love in comparison to other
children. God is father of all of us, he loves all His children and feels pity
on all. If we love all and become kind hearted then we will be beloved son of
God.
जिस तरह एक पुत्र
अपने पिता के आदर्शों पर चलने से पिता का प्रिय पुत्र बन जाता है उसी प्रकार कोई
भी व्यक्ति ईश्वर द्वारा निर्धारित सिद्धांतों पर चल कर ईश्वर का प्रिय पुत्र बन
जाता है।
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