Thursday, July 7, 2016

GST in India : Proposed Tax Law : स्त्रोत पर कर की कटौती : Tax Deduction At Source Part-II

मित्रो !
    माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा कुछ मामलों दिए गए निर्णयों के प्रकाश में इसी शीर्षक से दिनांक जुलाई 07, 2016 को प्रकाशित पोस्ट में मैंने इस बात पर बल दिया है कि यदि किसी कर-विधि में किसी संव्यवहार पर किसी भी प्राविधान में कोई कर नहीं लगाया गया है (tax is not levied on any transaction in any provision of any tax law) तब उस संव्यवहार पर कर का निर्धारण (Assessment) संभव नहीं है और ऐसी ऐसी स्थिति में कर के रूप में किसी धनराशि की बसूली (Recovery) अवैध है। इस पोस्ट में मेरा उद्देश्य इसी निष्कर्ष के प्रकाश में प्रस्तावित जीएसटी के मॉडल जीएसटी लॉ के ड्राफ्ट में प्रस्तावित प्राविधान स्त्रोत पर कर की कटौती (Tax Deduction at Source) पर चर्चा करना है।
स्टेट जीएसटी एक्ट, सेंट्रल जीएसटी एक्ट और इंटीग्रेटेड जीएसटी एक्ट के मॉडल ड्राफ्ट जारी किये गए हैं। मॉडल स्टेट और सेंट्रल जीएसटी एक्ट, दोनों एक्ट में राज्यों के अंदर होने वाली माल या सेवाओं अथवा माल और सेवाओं दोनों की आपूर्ति (supply) पर कर लगाने, कर का निर्धारण और कर की बसूली से सम्बंधित प्रस्तावित प्राविधान हैं। इंटीग्रेटेड जीएसटी लॉ में अंतर्राज्यीय वाणिज्य या व्यापार के क्रम में होने वाली माल या सेवाओं अथवा माल और सेवाओं दोनों की आपूर्ति (supply) तथा भारत के बाहर से आयात के क्रम में हिंे वाली माल की आपूर्ति पर कर लगने, कर का निर्धारण और कर की बसूली के प्रस्तावित प्राविधान हैं। उल्लेखनीय यह है कि इंटीग्रेटेड जीएसटी एक्ट के अंतर्गत सेंट्रल जीएसटी एक्ट के अनेक प्राविधान इंटीग्रेटेड जीएसटी में उसी तरह लागू माने जाने का उल्लेख है जैसे वे सीजीएसटी के मामलों में लागू होते हैं। ऐसे संदर्भित प्राविधानों में कर के भुगतान और कर की बसूली से सम्बंधित प्राविधान भी हैं। कर बसूली से सम्बंधित प्राविधानों के अंतर्गत स्त्रोत पर कर की कटौती का प्राविधान भी आता है। सेंट्रल जीएसटी एक्ट के ड्राफ्ट में स्त्रोत पर कर की कटौती के प्राविधान धारा 37 और धारा 43C में किये गए हैं। धारा 37 की उपधारा (1) व धारा 43क की उपधारा (1) व उपधारा (2) निम्नप्रकार हैं :

37. Tax deduction at source

(1) Notwithstanding anything contained to the contrary in this Act, the Central or a State Government may mandate, -
  • (a) a department or establishment of the Central or State Government, or
    (b) Local authority, or
  • (c) Governmental agencies, or
  • (d) such persons or category of persons as may be notified, by the Central or a State Government on the recommendations of the Council,
    [hereinafter referred to in this section as “the deductor”], to deduct tax at the rate of one percent from the payment made or credited to the supplier [hereinafter referred to in this section as “the deductee”] of taxable goods and/or services, notified by the Central or a State Government on the recommendations of the Council, where the total value of such supply, under a contract, exceeds rupees ten lakh.
    Explanation. – For the purpose of deduction of tax specified above, the value of supply shall be taken as the amount excluding the tax indicated in the invoice.
  • 43C. Collection of tax at source
  • (1) Notwithstanding anything to the contrary contained in the Act or in any contract, arrangement or memorandum of understanding, every electronic commerce operator (hereinafter referred to in this section as the “operator”) shall, at the time of credit of any amount to the account of the supplier of goods and/or services or at the time of payment of any amount in cash or by any other mode, whichever is earlier, collect an amount, out of the amount payable or paid to the supplier, representing consideration towards the supply of goods and /or services made through it, calculated at such rate as may be notified in this behalf by the Central/State Government on the recommendation of the Council.
    (2) The power to collect the amount specified in sub-section (1) shall be without prejudice to any other mode of recovery from the operator.
    मॉडल स्टेट एक्ट और सेंट्रल एक्ट के ड्राफ्ट्स की धारा 2 की उपधारा (1) के क्लाज (97) में "Taxable supply" निम्नप्रकार परिभाषित की गयी है: “taxable supply’’ means a supply of goods and/or services which is chargeable to tax under this Act;". धारा 7 जो कि Levy and Collection of tax से सम्बंधित है में कर लगाने के लिए "on all intra-State supplies of goods and/or services" का प्रयोग किया गया है। धारा 37 जो स्त्रोत पर कर की कटौती से सम्बंधित है, में शब्दों "to deduct tax at the rate of one percent from the payment made or credited to the supplier [hereinafter referred to in this section as “the deductee”] of taxable goods and/or services, notified by the Central or a State Government on the recommendations of the Council, where the total value of such supply, under a contract, exceeds rupees ten lakh." का प्रयोग किया गया है। 
    GST
    के अंतर्गत goods and / or services पर कर नहीं लगता है, कर goods and / or services की supply पर लगाया जाता है। इसी कारण टर्म "taxable supply" और "exempt supply" प्रस्तावित अधिनियम की धारा 2 में परिभाषित किये गए हैं। इसके विपरीत टर्म "taxable goods", "taxable services" प्रस्तावित अधिनियम में परिभाषित नहीं किये गए हैं। उपधारा (1) में "taxable supply" शब्दों का प्रयोग नहीं हुआ है जब कि उपधारा के अंत में शब्द "such supply" का उल्लेख किया गया है जबकि उपधारा में इन शब्दों के पहले "supply" शब्द का प्रयोग ही नहीं हुआ है। मेरे विचार से शब्दों "of taxable goods and / or services, notified by the Central or a State Government on the recommendations of the Council " के स्थान पर "making taxable supply of any goods and / or services, notified by the Central or a State Government on the recommendations of the Council" अथवा "making taxable supply of such goods and / or services as may be notified by the Central or a State Government on the recommendations of the Council शब्दों,का प्रयोग अधिक उचित होगा। 
    जहाँ तक धारा 43C के अंतर्गत उपधारा (1) में शब्दों "collect an amount, out of the amount payable or paid to the supplier, representing consideration towards the supply of goods and /or services made through it" का प्रयोग हुआ है। विचारणीय है कि

  • (
    1) "supply of goods and /or services" के अंतर्गत "taxable supply" और "exempt supply" दोनों प्रकार की सप्लाई शामिल हो सकतीं हैं किन्तु माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुसार "exempt supply" पर अधिनियम में कर देय न होने कारण इसके सम्बन्ध में स्त्रोत पर कर की कटौती किये जाने का प्राविधान नहीं किया जा सकता है।
    (
    2) "representing consideration towards the supply of goods and /or services made through it" के अंतर्गत निम्नप्रकार की supplies हो सकतीं हैं -
    (i) intra-state supply of goods and / or services;
  • (ii) inter-state supply of goods and / or services taking place in the course of inter-state trade or commerce;
  • (iii) supply of goods and / or services where such supply takes place in the course of the export of the goods and / or services out of the territory of India;
  • (iv) supply of goods and / or services where such supply takes place in the course of the import of the goods and / or services into the territory of India; and
  •  (v) supply of goods and or services taking place outside the State of supplier.
    CGST
    और SGST, दोनों ही केवल राज्य के अंदर होने वाली करयोग्य माल और/ या सेवाओं की आपूर्ति पर (on intra-State taxable supply of goods and / or services) पर कर लगाने की व्यवस्था रखते हैं अर्थात ऊपर क्लाज (i) में अंकित सप्लाई के अतिरिक्त अन्य क्लाजेज (ii), (iii), (iv) and (v) में अंकित सप्लाई पर कर लगाने का अधिकार CGST और SGST, दोनों में नहीं हैं। अतः क्लाज (i) में अंकित सप्लाई के अतिरिक्त अन्य किसी सप्लाई के सम्बन्ध में स्त्रोत पर कर की कटौती का प्राविधान किया जाना अवैध होगा। इसके लिए प्रस्तावित उपधारा (1) में वाक्यांश "representing consideration towards the supply of goods and /or services made through it" के स्थान पर वाक्यांश "representing consideration towards the intra-State taxable supply of goods and /or services made through it" विधिक रूप से उचित होगा अथवा उपधारा (1) में एक प्रतिबंधात्मक खण्ड जोड़कर क्लाज (i) में अंकित सप्लाई को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की सप्लाई उपधारा (1) से बाहर करनी होंगी। 
    जहाँ तक कि IGST के अंतर्गत Tax Deduction at Source सम्बन्धी प्रविधान बनाने के सम्बन्ध में है, CGST के अंतर्गत रखे जाने वाले प्राविधानों को उसी रूप में अपनाने (By adopting in the same form) से काम नहीं चलेगा क्योंकि IGST के अंदर कर supply of goods and / or services taking place in the course of inter-State trade or commerce और supply in the course of import of the goods and / or services into the territory of India पर कर लगाने का प्राविधान किया जाना है।
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