मित्रो !
किसी कार्य को करने के लिए आवश्यक साधन, सामर्थ्य और ज्ञान के होते हुए भी, इच्छा और इच्छाशक्ति के बिना, न तो कार्य प्रारम्भ किया जा सकता है और न ही कोई
अधूरा कार्य पूरा किया जा सकता है।
इच्छा रहित क्रियाशील जीवन की कल्पना नहीं की जा
सकती। प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि वह उपयुक्त और अनुपयुक्त इच्छाओं
में विभेद करे और तदुपरान्त उसे चाहिए कि वह उपयुक्त इच्छाओं पर अमल करे और
अनुपयुक्त इच्छाओं को दफ़न कर दे।
How to
deal with desires
One
cannot think of an active life without desires. A person should differentiate
in between appropriate and inappropriate desires and thereafter,. he should
work on appropriate desires and should bury the inappropriate desires.
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