मित्रो !
भगवान श्री कृष्ण द्वारा श्रीमद भगवद गीता
के अध्याय १६ के प्रारम्भ में आसुरी स्वभाव वाले मनुष्य के लक्षण
निम्नप्रकार बताये गए हैं।
दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोधः पारुष्यमेव च ।
अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ सम्पदमासुरीम् ॥ (
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)
भावार्थ : हे
पृथापुत्र! पाखण्ड, घमण्ड, अभिमान,
क्रोध,
निष्ठुरता
और अज्ञानता यह सभी आसुरी स्वभाव (गुण) को लेकर उत्पन्न हुए मनुष्य के लक्षण हैं।
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