मित्रो !
योग जिसकी चर्चा विश्व भर
में आजकल हो रही है, का उद्देश्य श्रीमद भागवद गीता में संदर्भित योगाभ्यास के उद्देश्य से भिन्न है।
गीता में वर्णित योगाभ्यास का उद्देश्य भौतिक संसार से विरक्ति प्राप्त करना है जबकि
सामान्य जनो द्वारा किया जाने वाला योग स्वास्थ्य लाभ या भौतिक सिद्धि प्राप्त किये
जाने के लिए है। एक का उद्देश्य भौतिक है वहीं पर दूसरे का उद्देश्य आध्यात्मिक है।
स्वास्थ्य लाभ के लिए योग
किये जाने में धर्म की बात कहाँ से आती है। स्वास्थ्य लाभ के लिए योगाभ्यास कराने वाले
गीता में वर्णित योगी या योग गुरु नहीं बल्कि वे physical instructors हैं।
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