मित्रो !
जो लोग ज्ञान के स्त्रोत
को तुच्छ या हीन मानकर उसे ग्रहण नहीं करते वे कितना भी ज्ञान प्राप्त क्यों न कर लें
किन्तु वे इस विषय में अज्ञानी ही बने रहते हैं कि ज्ञान स्त्रोत के सापेक्ष निरपेक्ष
होता है। ज्ञान किसी भी स्त्रोत से मिले उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। ज्ञान व्यक्ति की
शक्ति होती है।
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