Wednesday, April 8, 2015

हमारा कार्य काल : भूत, भविष्य या वर्तमान

            समय का चक्र अनवरत रूप से गतिमान रहता है। गणना के उद्देश्य से समय की इकाइयां वर्ष, माह, दिन, घंटा, मिनट और सेकण्ड निर्धारित की गयीं हैं। यदि हम समय चक्र द्वारा तय की जाने वाली दूरी को एक काल्पनिक सरल रेखा से निरूपित करें और उसके वर्ष, माह, दिन, घंटा, मिनट और सेकंड में बंटा हुआ होने की कल्पना करें, साथ ही यह भी मान लें कि समय-चक्र घड़ी की सुइयों की दिशा में घूम रहा है तब जिस विन्दु पर हम खड़े हैं, वह विन्दु हमारा वर्तमान निरूपित करेगा, उससे ठीक बायीं ओर का भाग हमारे लिए भूत काल और इस विंदु के ठीक दायीं ओर का भाग, जो वास्तविक न होकर काल्पनिक होगा, हमारा भविष्य काल निरूपित करेगा। 
           समझने के उद्देश्य से इस काल्पनिक रेखा को यहाँ पर हम "समय का पैमाना" (Time Scale) शब्दों से सम्बोधित करेंगे। हम सशरीर अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक इसी समय के पैमाने के समानान्तर उस विन्दु पर रहते हैं जो समय चक्र के अनुसार वर्तमान समय होता है। यह विन्दु हमारे जीवन का उस समय का वर्तमान होता है। चूंकि समय-चक्र अनवरत रूप से गतिमान रहता है अतः समय के पैमाने पर हमारी स्थिति समय के मान के अनुसार बदलती रहती है। अतः हमारे वर्तमान का समय भी बदलता रहता है और समय के पैमाने के साथ यात्रा करता रहता है। 



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