मित्रो !
संगीत ईश्वर की अलौकिक देन है। गायन और वादन, दोनों प्रकार का संगीत संगीतकार और श्रोता दोनों पर अपना जादू करता है। इसके प्रभाव में आकर व्यक्ति एक अलौकिक दुनिया में सैर करता है जहाँ न कोई बन्धन होते हैं, न कोई चिंतायें और न किसी प्रकार का तनाव। उस दुनिया में केवल आनन्द ही आनन्द है। हमें चाहिए कि हम संगीत से अपना नाता जोड़ें।
प्रकृति के भी रोम-रोम में संगीत समाया हुआ है। हमें इस संगीत का भी आनन्द लेना चाहिए। संगीत हमारे दिल और दिमाग, दोनों पर प्रभाव डालता है। संगीत से थकान भी मिटती है। संगीत हमें गहरी नींद के आगोश में ले जा सकता है और गहरी नींद से जगा भी सकता है। वर्तमान में तनाव भरे जीवन में संगीत ही हमें तनाव मुक्त कर सकता है।
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