Tuesday, June 9, 2015

हमारे दुखों का कारण


मित्रो !
हमारे दुखों का कारण हमारा मिथ्या अहंकार तथा इस भौतिक जगत और कर्म फलों में हमारी संलिप्तता होना है। हम अनेक मामलों में निष्पक्ष भाव से दृष्टा बने रहकर अपने दुखों को कम कर सकते हैं।




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