मित्रो !
जिस दिन ईश्वर हमें कोई नेक कर्म करने का अवसर देता है और हम किसी दीन-दुखी का कोई कष्ट कम करने में सहायक होते हैं, किसी असहाय या जरूरत मंद की सहायता करते हैं या किसी असहाय भूखे व्यक्ति को खाना खिलाते हैं या किसी के साथ हो रहे अत्याचार से उसे मुक्ति दिलाते हैं तब उस दिन हम अपने अंदर एक अलौकिक ख़ुशी का अनुभव करते हैं। हम अपने अंदर हल्कापन अनुभव करते हैं। हमारे अंदर एक नयी ऊर्जा का संचार होता है। हमारे अपने लोगों के प्रति प्यार और प्रगाढ़ हो जाता है। हमारे अंदर आत्मविश्वास और बढ़ जाता है। हम सभी प्रकार के तनाव से मुक्त हो जाते हैं। हमारी कार्य क्षमता पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
मेरा व्यक्तिगत विचार है कि अगर कुछ अच्छा करने से इतना सब कुछ मिलता है तब हम सब को ऐसे अवसरों को तलाशना चाहिए और अवसर मिलने पर कुछ न कुछ अच्छा अवश्य करते रहना चाहिए।
जिस दिन ईश्वर हमें कोई नेक कर्म करने का अवसर देता है और हम किसी दीन-दुखी का कोई कष्ट कम करने में सहायक होते हैं, किसी असहाय या जरूरत मंद की सहायता करते हैं या किसी असहाय भूखे व्यक्ति को खाना खिलाते हैं या किसी के साथ हो रहे अत्याचार से उसे मुक्ति दिलाते हैं तब उस दिन हम अपने अंदर एक अलौकिक ख़ुशी का अनुभव करते हैं। हम अपने अंदर हल्कापन अनुभव करते हैं। हमारे अंदर एक नयी ऊर्जा का संचार होता है। हमारे अपने लोगों के प्रति प्यार और प्रगाढ़ हो जाता है। हमारे अंदर आत्मविश्वास और बढ़ जाता है। हम सभी प्रकार के तनाव से मुक्त हो जाते हैं। हमारी कार्य क्षमता पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
मेरा व्यक्तिगत विचार है कि अगर कुछ अच्छा करने से इतना सब कुछ मिलता है तब हम सब को ऐसे अवसरों को तलाशना चाहिए और अवसर मिलने पर कुछ न कुछ अच्छा अवश्य करते रहना चाहिए।
No comments:
Post a Comment