Friday, March 27, 2015

विवाहित जीवन में नोंक - झोंक




मित्रो !
एक दूसरे को प्यार करने वाले पति-पत्नी के मध्य होने वाले विवादों के समाप्त होने में समय भले ही लग जाय किन्तु उनका अन्त अवश्य होता है और प्रत्येक बार अंत परिस्थिति सामान्य होने के साथ ही होता है। फर्क यह पड़ता है कि विवाद प्रारम्भ होने से समाप्त होने के मध्य की समयावधि पति-पत्नी को प्यार के लिए मिली कुल अवधि में से कम हो जाती है और इतना समय प्यार के पलों की जगह तनाव के क्षणों में बदल जाता है, विवाद बड़ों के संज्ञान में आने पर उनका दिल दुखता है और बच्चों के सामने विवाद होने पर उनके मन मष्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
पति-पत्नी को प्रयास करना चाहिए कि उनके बीच विवाद की स्थिति ही न आये, यदि विवाद की स्थिति आती ही है तब उन्हें यह समझ कर कि जो चीज बिना कुछ खोये पायी जा सकती है वही चीज बहुत कुछ खोकर पाने में बुध्दिमानी नहीं है, विवाद शीघ्र समाप्त करना चाहिये। प्यार में अह्म का कोई स्थान नहीं होता अतः विवाद समाप्त करने में अहम् आड़े नहीं आना चाहिये।

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