मित्रो।
कर्म का फल कर्म करने वाले को ही मिलता है। सत्कर्म का फल अच्छा और दुष्कर्म का फल बुरा होता है। जब कोई आपको अपमानित करने का दुष्कर्म करता है तब वह ऐसे दुष्कर्म का बुरा फल पाने का हक़दार बनता है। जब प्रतिक्रियावश आप किसी का अपमान करने का दुष्कर्म करते हैं तब आप ऐसे दुष्कर्म का बुरा फल पाने के हक़दार बनते हैं।
कर्म का फल कर्म करने वाले को ही मिलता है। सत्कर्म का फल अच्छा और दुष्कर्म का फल बुरा होता है। जब कोई आपको अपमानित करने का दुष्कर्म करता है तब वह ऐसे दुष्कर्म का बुरा फल पाने का हक़दार बनता है। जब प्रतिक्रियावश आप किसी का अपमान करने का दुष्कर्म करते हैं तब आप ऐसे दुष्कर्म का बुरा फल पाने के हक़दार बनते हैं।
No comments:
Post a Comment