मित्रो !
उछल-कूद खेलों तक तो ठीक है किन्तु व्यवहारिक जीवन में उछल-कूद के बजाय शालीनता और धैर्य के साथ प्रयास करना ही मनुष्य को शोभा देता है। इससे ऊर्जा का अपव्यय नहीं होता और प्रयासों में निरन्तरता बनी रहने से लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो जाता है।
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