मित्रो !
प्रभाव उत्पन्न करने वाली अदृश्य वस्तुयें भी अस्तित्व में होतीं हैं। जिस प्रकार वायु दिखाई नहीं देती किन्तु उसके प्रभाव देखे और महसूस किये जा सकते हैं, उसी प्रकार हमें ईश्वर प्रत्यक्ष में नहीं दिखाई देता किन्तु उसके प्रभाव देखे और महसूस किये जा सकते हैं। इस आधार पर ईश्वर के अस्तित्व को नाकारा नहीं जा सकता।
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