Wednesday, July 8, 2015

अपना धर्म


मित्रो !

         प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपना धर्म अन्य सभी धर्मों की अपेक्षा बेहतर होता है किन्तु इसका अभिप्राय यह कदापि नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी अन्य धर्म का आचरण कर रहे किसी व्यक्ति के धर्म की निन्दा करे। हमें चाहिए कि हम दूसरे के धर्म की निन्दा करने से बचें। 
         प्रत्येक व्यक्ति की उसके अपने धर्म के साथ उसकी आस्था जुडी होती है। किसी की आस्था को चोट पहुँचाना एक अमानवीय कार्य है।



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