मित्रो !
यदि हम अपने छोटों से प्यार करते हैं और चाहते हैं कि हमारी मृत्यु के बाद भी हमारा प्यार और आशीर्वाद उन्हें मिलता रहे तब हमें चाहिए कि हम अपने जीवित रहते उन्हें भरपूर प्यार दें, हम अपनी जीवन शैली को अनुकरणीय बनायें और ऐसे आदर्शों को जियें जो हमारे जाने के बाद भी हमारे छोटों का पथ प्रदर्शन करते रहें।
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