विश्व में आबादी का एक बड़ा भाग ऐसा भी है जो कभी-कभी दो जून की रोटी भी नहीं जुटा पाता है, जिसका भूख के मारे पेट और पीठ दोनों मिल जाने से पेट-पीठ जोड़ लेने का अनचाहा योग हो जाता है। सर्दियों में वस्त्रों के अभाव में जिसके घुटने सीने से और सिर घुटनों पर बेबसी में लग जाने से योग हो जाता है। काश उन्हें कोई बेबसी के योग से छुटकारा दिलाने की भी बात करता।
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